शनिवार, 29 जनवरी 2011

डॉ. अनवर जमाल, कमाल के धार्मिक साहित्यकार है ---- किलर झपाटा

भाइयों और बहनों,
चाहे कोई इस बात को माने या न माने लेकिन मेरा मानना ये है कि डॉ. साहब ब्लॉगजगत के नग हैं। ज़रा उनके ब्लॉग पर लिखी अबाउट मी को देखिए --
"दुनिया बहुत से दार्शनिकों के दर्शन, कवियों की रचनाओं और लोक परंपराओं के समूह को हिन्दू धर्म के नाम से जानती है। मनुष्य की बातें ग़लत हो सकती हैं बल्कि होती हैं। इसलिए उन्हें मेरे कथन पर ऐतराज़ हुआ लेकिन मैं ईश्वर के उन नियमों को धर्म मानता हूं जो ईश्वर की ओर से मनु आदि सच्चे ऋषियों के अन्तःकरण पर अवतरित हुए। ईश्वर के ज्ञान में कभी ग़लती नहीं होती इसलिए धर्म में भी ग़लत बात नहीं हो सकती। ऋषियों का ताल्लुक़ हिन्दुस्तान से होने के कारण मैं उनके धर्म को हिन्दू धर्म कहता हूं। मैं धर्म के उसी सनातन स्वरूप को मानता हूं जो ईश्वरीय है और एक ही मालिक की ओर से हर देश-क़ौम में अलग-अलग काल में प्रकट हुआ। उसमें न कोई कमी कल थी जब उसे सनातन और वैदिक धर्म के नाम से जाना जाता था और न ही कोई कमी आज है जबकि उसे ‘इस्लाम‘ के नाम से जाना जाता है।"
चर्चाशाली मंच, कमेंट्स गार्डन, अहसास की परतें, प्यारी माँ , वेद कुरान और इस्लाम धर्म  जैसे बड़े बड़े ब्लॉग और उनमें किए गए धार्मिक विष्लेषण क्या नहीं बताते धर्म संबंधी गुत्थियों के बारे में। 
यदि आप ठंडे दिमाग से उन्हें पढ़ें तो आपको अहसास हो जाएगा कि इस्लाम से बेहतर कोई मजहब नहीं है और डॉ. साहब से बेहतर कोई लेखक नहीं है। जमाल साहब इस ग्रेट। उनका कोई भी विरोध नहीं कर सकता।
 
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20 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

अबे गांडू झपाटे, तुझे इस गणजले अनवर जमाल ने कितने पैसे दिए बे ? इससे बड़ा मादरचोद तो पूरी दुनिया अभी तक पैदा ही नहीं हुआ है। तू कहाँ इस बहनचोद के चक्करों में पड़ गया। ये तो रंडी की औलादों में से एक माना गया है।

बेनामी ने कहा…

अबे गांडू झपाटे, तुझे इस गणजले अनवर जमाल ने कितने पैसे दिए बे ? इससे बड़ा मादरचोद तो पूरी दुनिया अभी तक पैदा ही नहीं हुआ है। तू कहाँ इस बहनचोद के चक्करों में पड़ गया। ये तो रंडी की औलादों में से एक माना गया है।

LBA ने कहा…

अबे हमारी नजर में तो यह जमाल, एकदम बिल्ली का गू है, ना लीपने का ना पोतने का। अन्डर्स्टुड झपाटे। हा हा।

DR. ANWER JAMAL ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
प्यारी माँ ने कहा…

बेटा , आप खुद एक हीरा हैं इसीलिए मोती को पहचान गए । ऐसा लगता है कि जैसे आप दोनों फ़िल्म वक़्त की तरह बिछुड़े हुए भाई हों ।

अभिषेक 1501 ने कहा…

आजकल रवीन्द्र सिंह जमाल को गालियाँ बकता फिर रहा है । एक ब्लाग अलग से केवल उसे गालियाँ देने के लिए ही बनाया है ।
आलोक मोहन भी वहां पधारते हैं और सुज्ञ जी भी।
सुज्ञ जी हंस भी हैं और Lie destroyer भी । आप सब भी यहाँ आएँ और जमाल को गालियाँ दें ।

जमाल का बदहाल चेहरा ने कहा…

ओय झपाटे सुन,
ये जमाल गधऊ,
चाहे 7 पोस्ट लिखे या सत्तर, इसकी यहाँ इज्जत दो कौड़ी की नहीं होने वाली समझा। बड़ा आया जमाल का हिमायती। तू होता कौन है बे ? ये लौड़ा पता नहीं किस हामी वामी का घटिया कलाम उठा ले आया और बोलता है कि उसे हल करो। साला बगर्जे इम्तिहान की औलाद। अबे डिक्शनरी उठा ले चोदू जमाल और खुद ही हल कर ले हम तेरे बाप के नौकर हैं जो ये सब फ़ाल्तू काम करते बैठेंगे ?

जमाल का बदहाल चेहरा पुनि पुनि ने कहा…

इस गांडू जमाल की एक और पोस्ट का शीर्षक है:-
"हम साँप के काटे की दवा साँप के जहर से ही बनाते हैं"
अबे चोदू जमाल तो क्या अपनी गाँड़ के मलीदे से बनाएगा ? यू झाँट के बाल। कुछ भी मालुम वालुम नहीं है इसको और तू झपाटे, इसकी तरफ़दारी कर रहा है। चुपकर।

बेनामी ने कहा…

अबे झपाटे तू हिन्दू है कि मुसलमान पहले तो ये बता ? इस्लाम की बड़ी तारीफ़ कर रहा है बे ?

बेनामी ने कहा…

यू साला मादरचोद किलर झपाटा और कोई नहीं बल्कि अरबिंद मिसिरा है वही यहाँ कटुओं का चम्मच है ये पंडित केरे नाम पे कलंक है अहिके गांड में बांस डालना जरूरी है

अरविंद मिश्रा ने कहा…

आखिर आप लोगों ने मुझे पहचान ही लिया। हा हा

चायनीज़ बेनामी ने कहा…

अरे सुनो रे दोस्तों,
एक दिन यह जो किलर झपाटे का दोस्त डॉ. अनवर जमाल है ना, यह अपने नीचे वाली दाढ़ी में वीट लगा रहा था। अरे वीट नहीं समझते, हेअर रिमूविंग क्रीम याने बाल सफ़ा तेल यार। अब वो क्रीम तो है नॉर्मल स्किन के लिए। मगर ये लौड़ा, सूअर जैसी मोटी चमड़ी वाला जमाल उसको लगा बैठा। फ़िर होना क्या था, सब तो सफ़ाचट हो गया मगर इसकी गाँड़ का एक बाल जिसका नाम था "खुजाल बाल ऑफ़ डॉ. जमाल" वो बिना उखड़े रह गया। बस यही कारण है इस जमाल के इस तरह पगलाने का। अब वो बाल इसकी गाँड़ में जब तब खुजली पैदा करते रहता है और ये गँड़खुज कुछ भी उल्टी सीधी पोस्टें लिखता रहता है मैधड़्चोट। अबे भोसड़ी के जमाल, तेरे को एक चाइनीज़ कलाम सुनाता हूँ देवनागरी में। अब लंड के बाल तू इसको हल करके बता दे तो जान जाऊँ बाणचोद।

चिंगपाँग चिंगपाँग चिंगपाँग ची
टिंगटाँग टिंगटाँग टिंगटाँग टी

बेनामी ने कहा…

ham hindu ha isliya jhapate ko maaf karte ha nahi to terrirost ko saport karne ki saja dae

किलर झपाटा ने कहा…

छि: छि: अरे रे रे रे रे ए। ये क्या लिख रहे हो यार बेनामियों। मुझे अचानक आज जरूरी काम से बाहर जाना पड़ गया और मैं अभी जस्ट आया हूँ और ये दुर्दशा। झट। बहुत गंदे हो यार आप लोग। क्या सोचते होंगे डॉ. साहब मेरे बारे में ? कुछ कमेंट तो बहुत ही गिरे हुए हैं यार छी छी।

कनाडावाली ने कहा…

हाय हाय अनवर जमाल गज़ब के बेशरम है. कहते हैं मुस्लिम मर्दों के लिंग औरतों को खूब मस्त कर देते हैं. बड़े ही बेशरम इंसान हैं अनवर जमाल.
हाँ नहीं तो. हमारे कनाडा से तो इनको नंगा करके भगा देंगे इनको हम.

मैं ज़ील उर्फ़ दिव्या अमरेन्द्र ब्रैंड लंड की दीवानी ने कहा…

मझे अनवर जमाल का लंड बहुत भाता है. उसके लंड का छिलका उतरा हुआ है. जिसे चूसने में मजा आता है. अमरेन्द्र और मिश्रा जी बनारस वाले जी का लंड कोई ख़ास नहीं है. ऊऊ ..ला...ला... यम्मी ... जमाल ब्रांड लंड. सो हॉट..

लन्दन वाली ने कहा…

मुझे भी लंड बहुत भाता है. वैसे लन्दन में तो कई लंड मिलते हैं. लेकिन मुझे हिन्दुस्तानी लंड ही ज्यादा पसंद आता है. यहाँ ब्लॉग संसार में वैसे ज़्यादातर लंड बूढ़े हैं. फिर भी मैं लबद का इंतजाम कर लेती हूँ. समीर लाल जी का लंड काला है लेकोम चूंकि वो सीनियर ब्लॉगर हैं तो उनका चलेगा. अनूप शुक्ल को अपनी बहन से फुर्सत नहीं है. इसलिए वो मेरी चूत का दीवाना नहीं है. खुशदीप सेगल ठीक है. सोच रही हूँ उससे चुदवा लूं. मैं फिर आउंगी . टाटा बाय बाय..

मैं वाणी राजस्थान वाली ने कहा…

मैं चुदाने को बेकरार हूँ. लेकिन हमारे यहाँ राजस्थानी लंड मजेदार नहीं होते हैं. इसलिए मुझे अनवर जमाल भाई से चुदवाना है. मुझे अब सिर्फ चुदाई का ज्ञान चाहिए वाणी का नहीं.

रश्मि रविजा बम्बई वाली ने कहा…

मैं भी आती हूँ अभी अपनी चुदाई की कहानी लेके. इन्तजार करिए . दास्तान -ऐ- चुदाई , रश्मि रबिजा की जुबानी.

शिक्षामित्र ने कहा…

जैसे सबको अपनी बात रखने का हक़ है वैसे ही किसी विचार से सहमति-असहमति सुनने-पढ़ने वाले का अधिकार। धर्म हम सब की भावनाओं के केंद्र में है,इसलिए उसके प्रति हम सब अपेक्षाकृत अधिक संजीदा होते हैं।