एक बार पैग़म्बर इब्राहीम (अ.) के ख़्वाब में आया कि तुम अपनी सबसे ज्यादा अज़ीज़ चीज़ अल्लाह की राह में क़ुर्बान करो तो उन्होंने तमाम चीज़े दान की, बहुत सारे जानवर अल्लाह के राह में क़ुर्बान किये. मगर उन्हें लगातार ख़्वाब आते रहे और वो क़ुर्बान करते रहे. फ़िर उन्होंने सोचा कि मुझे तो सबसे ज्यादा अज़ीज़ मेरा बेटा (इस्माईल अलैहिस्सलाम) ही है.
तो उन्होंने इसका तज़किरा इस्माईल (अ.) से किया तो उन्होंने कहा कि जब अल्लाह हुक़म है तो आप उस पर ज़रूर अम्ल में लायें, मैं तैयार हूँ.
इब्राहीम (अ.) ने फ़िर अल्लाह के हुक्म के मुताबिक़ अपने प्यारे और सबसे अज़ीज़ बेटे इस्माईल (अ.) को क़ुरबानी के नियत से उन पर छुरी चलाई. लेकिन छुरी को अल्लाह का हुक्म हुआ कि वह उनके प्यारे पैग़म्बर का बल भी बांका न करे. इस तरह स्वर्ग से एक दुम्बा आया जो इस्माईल (अ.) की जगह पर आ गया और वह कुर्बान हुआ. मैं बताता चलूँ कि इब्राहीम (अ.) की इस अदा हो और फ़रमाबरदारी को इतना पसंद फ़रमाया कि क़यामत तक इसे मुसलमानों पर फ़र्ज़ कर दिया. जिसे मुस्लिम लोग बकरा-ईद के रूप में कुर्बानी देकर मानते हैं.
अब सुनो भैया लोगों,
शंकर भगवान ने गणेश जी की गर्दन काटकर हाथी की गर्दन जोड़ी तो सलीम खान जो कि ठीक से अपने दिमाग का स्क्रू तक नहीं जोड़ पाते कहते हैं कि ये गप्प है ऐसा हो नहीं सकता।
दूसरी तरफ़ इनके अल्ला मियाँ जिनकी एक ठो ढंग की तस्वीर तक इनके पास है नहीं, वह छुरी को जिसमें जान भी नहीं है को हुक्म देते हैं कि वह उनके प्यारे पैग़म्बर का बल भी बांका न करे और हिन्दुओं के स्वर्ग से एक दुम्बा भेजते हैं (क्योंकि इनके मुसलमानों में जन्नत वन्नत तो होती ही नहीं है ना हा हा) जो इस्माईल (अ.) की जगह पर आ गया और वह कुर्बान हुआ.हा हा। सब का सब आटोमेटिक ? वैरी स्ट्रेंज। दिल्लगी बहुत है इस्लाम में। हा हा।
अरे सीधे क्यों नहीं कहते कि यार के उस दिन मटन खाने का बहाना चाहिये होता है और कुछ नहीं। कुर्बानी वुरबानी का फ़ालतू बहाना क्यों करना है के नहीं।
एक बात बताऊँ सलीम, जमाल और बुल्ले (हरीश) मियाँ, आपके अल्ला मियाँ जिस दिन आपकी कुर्बानी सच में कुबूल फ़रमा गये और एक आध दुम्बा भी उन्होंने अपने हलक में उतार लिया ना तो आप लोग ही सब के सब अपने अपने दुम्बे लेकर भाग छूटोगे ये कहके कि आज से अल्ला मियाँ ने मुसलमानों पर ये फ़र्ज़ आयद किया कि अब वे दुम्बे की जगह अपनी औकात के मुताबिक मच्छरों की कुरबानियाँ दिया करें।
हा हा हा।