शनिवार, 15 जनवरी 2011

ज़ील (दिव्या) को पसंद है अंतर सोहिल की दाढ़ी

प्रिय ब्लॉगर साथियों,
अभी अभी ख़बर मिली है कि डॉ. दिव्या ज़ील को अंतर सोहिल जी की दाढ़ी बहुत प्रिय और गॉर्जियस लगी है और उन्होंने उन्हें, उसे रंगने के कलरिंग एजेंट सजेस्ट किए हैं। इसके पीछे किस तरह का मॉडरेशन है ये तो वही बतलाएँगी किन्तु हमारे ब्लॉगजगत के लिए ऐसे मेल-मिलाप वाली ख़बरें सुखद हैं वरना तो एक दूसरे की बैंड बजाते रहना यहाँ का आम फ़ैशन है।

उसके चेहरे को ओक में भर लूँ
ज़िंदगी को इस तरह पिआ जाएगा

61 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

आपसे किसने कह दिया???????????

Arvind Mishra ने कहा…

अंतर सोहिल जी पूर्णपुरुष लग रहे हैं सच्ची!

किलर झपाटा ने कहा…

थैंक्यू पंडितजी।

किलर झपाटा ने कहा…

बेनामी भाईसाहब आपको यकीन न हो तो सोहिल जी के ब्लॉग पर टीप देख लें|

बेनामी ने कहा…

हाँ भाई झपाटा,
पढ़ लिया
ZEAL Said -

आजकल तो बहुत से coloring agents बाज़ार में उपलब्ध है।
वैसे - You are looking gorgeous !

करेक्ट ! पर लगता है कि आपको कर्कोटक कालसर्प योग है जो कि ज़ील से पंगा ले रहे हैं।
देखते रहिए आगे क्या होता है ?

बेनामी ने कहा…

@बेनामी ने कहा…
हाँ भाई झपाटा,
पढ़ लिया
ZEAL Said -

आजकल तो बहुत से coloring agents बाज़ार में उपलब्ध है।
वैसे - You are looking gorgeous !

करेक्ट ! पर लगता है कि आपको कर्कोटक कालसर्प योग है जो कि ज़ील से पंगा ले रहे हैं।
देखते रहिए आगे क्या होता है ?


sach kaha hey

अनूप शुक्ल ने कहा…

दाढ़ी कहाँ की? फेस वाली या फिर नीचे वाली. ?

बेनामी ने कहा…

bhyi zeal ek refined rndi hai. wo jitna bhi chudwa le man nahi bahrta.

बेनामी ने कहा…

इसको सोहिल का लंड पसंद आ गया होगा.

बेनामी ने कहा…

@बेनामी ने कहा…
bhyi zeal ek refined rndi hai. wo jitna bhi chudwa le man nahi bahrta.


sale teri maan ko bhosda. teri bahan refined rndi he???????????

बेनामी ने कहा…

doosro ki bahno ke bare men gnda bolte shrm nhi ati

सतीश सक्सेना ने कहा…

ज़ील के बारे में कितना रद्दी वियू है यार लोगों का।
छि: हम तो यहाँ से जा रहे हैं।

महफ़ूज़ अली ने कहा…

ज़ील ज़ील झल्ला के गाली सुनाए
झूम झूम ब्लॉगजगत खिल्ली उड़ाए
अरे वा वा वा, अरे वा वा वा

मीनाबे ने कहा…

यार झपाटा,
तुम ये सब क्यों लिखते हो ?
दुष्ट कहीं के हाँ नहीं तो। हा हा।

बेनामी ने कहा…

bhyi zeal nhi wo mahila blogar refined rndi hai. wo jitna bhi chudwa le man nahi bahrta. ldko ko phnsati hey. apne putr se bhi chud leti hogi rndi

बेनामी ने कहा…

boodhi kutiya ke bare me likho, jo din rat chudvati hey. apne bachcho ki umar ke ladko se bhi chudvati hey. DESI-VIDESHI REFIND RANDI

बेनामी ने कहा…

boodhi kutiya ke bare me likho, jo din rat chudvati hey. apne bachcho ki umar ke ladko se bhi chudvati hey. DESI-VIDESHI REFIND RANDI

बेनामी ने कहा…

mahfooj to he hi. gaandu. use to chahe kutiya mil jaye, boodhi kutiya, use bhi chod dalega

बेनामी ने कहा…

boodhi kutiya ke bare me likho, jo din rat chudvati hey. apne bachcho ki umar ke ladko se bhi chudvati hey. DESI-VIDESHI REFIND RANDI

बेनामी ने कहा…

boodhi kutiya ke bare me likho, jo din rat chudvati hey. apne bachcho ki umar ke ladko se bhi chudvati hey. DESI-VIDESHI REFIND RANDI

बेनामी ने कहा…

boodhi kutiya ke bare me likho, jo din rat chudvati hey. apne bachcho ki umar ke ladko se bhi chudvati hey. DESI-VIDESHI REFIND RANDI

बेनामी ने कहा…

DESI-VIDESHI REFIND RANDI
ka pti usi nhi chodta kiya

बेनामी ने कहा…

DESI-VIDESHI REFIND RANDI
ka ek pati se kya hoga. wo to bachcho se samhooh chudai karati hey

बेनामी ने कहा…

मीनाबे DESI-VIDESHI REFIND RANDI to nhi

shekhar suman ने कहा…

सही कहा भाई अनूप शुक्ल ने
कौन सी गलत बात कह दी है

क्रिएटिव मंच ने कहा…

सही कहा साली को
अनूप भाई ने

सादर व सस्नेह
(सम्पूर्ण क्रियेटिव मंच टीम)

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

किलर झपाटा जी ! आपको सादर प्रणाम !
ऐसा लगता है कि आप मूलतः एक सच्ची आत्मा हैं और टैलेंटेड भी लेकिन एक ज्यादती आपके ब्लाग पर डा. दिव्या जी के साथ हो रही है ।
आप उनका विरोध बेशक करें लेकिन उनकी खिल्ली न उड़ाएं । उन्हें गालियां न दें । वे जो कुछ कर रही हैं उनके पीछे उनकी कुछ मजबूरियां हो सकती हैं ।

वे आपकी और मेरी सगी बहन न भी सही तब भी वे इसी देश की नारी हैं , मनु की संतान हैं ।
और मनु निस्संदेह महान हैं।
साड़ी दिव्या जी का परिधान है।
उनकी साड़ी मत खींचिये।
ख़ुद को दुःशासन मत बनाईये।
प्लीज़,
आपसे मेरी हाथ जोड़कर आंसुओं के साथ यह विनती है कि बेनामी अश्लील कमेंट हटा लीजिए।
आपकी पोस्ट ठीक है । इतना चलता है ।
दर्द की दास्तान को एक औरत से ज़्यादा भला कौन पहचान सकता है ?
औरत दर्द से जन्म लेती है , पहले बेटी और फिर बहू होने का दर्द सहती है । मासिक दर्द भी वही सहती है और प्रसव के समय का दर्द भी उसी का मुक़द्दर है और उसके बाद भी ढेरों दर्द हैं जिन्हें वह झेलती है और फिर भी मुस्कुराती है और तब वह कहलाती है

प्यारी माँ

इस प्यारे से ब्लाग के ज़रिए मैं एक मां के अज़ीम किरदार को सामने लाने की कोशिश कर रहा हूं और आपसे सहयोग की आशा रखता हूँ ।
कृप्या आप सभी भाई एक Follower और पाठक के रूप में इस ब्लाग से जुड़कर अपने अहसास और जज़्बात को सामने लाएं, शायद कि किसी की सेच और उसका दिल नर्म पड़ जाए अपनी मां के लिए और उसकी मां बुढ़ापे में ज़िल्लत उठाने से या दर-दर की ठोकरें खाने से बच जाए।
माँ को अपनाईये !
माँ को बचाईये !!

अपनी पवित्र मां की ख़ातिर एक औरत को अश्लील गालियों से बचाएं ।

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

एक सवाल दोहरे पैमाने वालों से
@ जनाब सतीश सक्सेना जी ! आप तो कानून की धमकी भी देना जानते हैं और शिकायत करना भी। तब भी आपने यहाँ न तो किसी को कानून का संदर्भ दिया और न ही Abuse report की। आपने तो यहाँ फैली गंदगी का विरोध तक न किया और न ही आप अपने ब्लाग पर जाकर कोई पोस्ट ही किलर झपाटा जी के विरूद्ध लिखने की हिम्मत करेंगे ।
क्या इसी का नाम ईमानदारी है । अपनी टिप्पणी और मेरी अपील को देखिए और जान लीजिए कि आपसे नैतिकता भी दिल्ली की ही तरह दूर है । अभी आपने जाना है नहीं कि ईमान का नूर वास्तव में होता क्या है ?
मात्र गालियाँ खाने के डर से आप मिमियाते हुए निकल गए।
रचना जी की तो तौहीन की कल्पना मात्र से ही आप आगमयी गाली बक रहे थे और यहां पीठ दिखाकर भाग रहे हैं ?
रचना जी में और डा. दिव्या जी में आप अंतर क्यों कर रहे हैं ?
आप बुढ़ापे में धृतराष्ट्र बनेंगे तो बालक लड़ मरेंगे । ब्लाग जगत में मचे घमासान में आपका प्क्षपात और आपका भय सदा ही एक बड़ा कारण रहा है , सो आज भी है ।
मिटा दीजिए अपने प्रोफ़ाइल से अपनी ईमानदारी की तारीफ़ ।
वह एक ढोंग और पाखंड के सिवाय कुछ भी तो नहीं है।
अपने मुँह मियाँ मिठठू बनने से क्या लाभ ?
आपकी ब्लागिंग का कोई सार्थक उद्देश्य भी तो होना चाहिए ?
लेकिन ब्लागिँग तो आपके लिए एक नशा मात्र है।
कृप्या नशे से मुक्ति पाईये और छोटों को राह सीधी दिखाईये ।

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

@ आदरणीय अरविंद मिश्रा जी ! मैंने भी डा. दिव्या जी से अपनी एक पोस्ट में कुछ सवाल पूछे थे और उस पोस्ट में आपका नाम होने के कारण आपकी मौजूदगी वहाँ वाजिब भी था और मैंने आपसे आने की विनती भी की थी लेकिन आपने कहा कि मैं खुद को उस औरत से बहुत दूर कर चुका हूँ लेकिन आप तो यहाँ सबसे पहले आसीन हैं जबकि यहाँ न तो आपका कोई जिक्र है और न ही क़ातिल बंधु ने ही कोई बुलावा आपको भेजा है ।
ये दो पैमाने क्यों ?
आप हमारे मित्र हैं on the record भी और आप खुद भी मित्र और दोस्त कहते हैं।
अब अपने इस दोस्त को कारण बता दीजिए प्लीज़ !

बेनामी ने कहा…

सतीश सक्सेना केवल कमजोरों को निशाना बनाता है और दिव्या जैसों को सहलाता है. देखो कल दिव्या का कमाल

ZEAL said...
.

@- सतीश सक्सेना --

अभी तक आयी टिपण्णी में सिर्फ आपकी टिपण्णी ऐसी है जो मोडरेशन लायक है । और कोई लेख होता आपकी टिपण्णी मोडरेट करके सड़ने के लिए छोड़ देती । लेकिन इस लेख पर आपकी टिपण्णी प्रकाशित करके ये सिद्ध किया जाएगा की अनावश्यक एवं निरर्थक टिप्पणियों के लिए ही मोडरेशन लगाया जाता है।

पाठकों से निवेदन है कृपया सतीश जी की टिपण्णी प्रकाशित होने का इंतज़ार करें।

आभार।

बेनामी ने कहा…

यह देसी-विदेसी रंडी मैं ही हूँ
हाँ नहीं तो

बेनामी ने कहा…

अनवर अपने साथी को कुछ नही कहेगा जो बूढी कुतिया को चोदने को तैयार बैठा है

बेनामी ने कहा…

बूढी कुतिया को मिलकर चोदने का प्रोग्राम तो नहीं है
हाँ नहीं तो

बेनामी ने कहा…

बूढी कुतिया को चोदने का मजा ही अलग हे
हाँ नहीं तो

बेनामी ने कहा…

बूढी कुतिया को तो वही चोदेंगे जिनका लंड खड़ा नही होता
हाँ नहीं तो

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

काश हमारी भी दाढ़ी मूंछें होती और दिव्याजी हमें भी पसंद करतीं

समीर लाल ने कहा…

divya, tera bhonsda bahut tight hai re. lagta hai tera aadmi tujhe achche se chodta nahi hai. aa mujhse chudwa le rani.

बेनामी ने कहा…

मीनाबे का भोसड़ा पूरा फाटक है. उसमें कई लंड एक साथ घुस सकते हैं. हरामजादी देसी-विदेसी रंडी जो है

बेनामी ने कहा…

अबे भोसड़ी वाले महफूज अली . तू क्यो अपनी माँ चुदवा रहा है. साले पहले अपनी माँ को चोद चोद कर ऊपर भेज दिया. अब यहाँ पर दूसरो से अपनी मरी हुयी माँ चुदवा रहा है.
और वां वां वां कर रहा हैँ. साला मादरचोद रंडी की औलाद

बेनामी ने कहा…

अबे भोसड़ी वाले महफूज अली . तू क्यो अपनी माँ चुदवा रहा है. साले पहले अपनी माँ को चोद चोद कर ऊपर भेज दिया. अब यहाँ पर दूसरो से अपनी मरी हुयी माँ चुदवा रहा है.
और वां वां वां कर रहा हैँ. साला मादरचोद रंडी की औलाद

बेनामी ने कहा…

अबे भोसड़ी वाले महफूज अली . तू क्यो अपनी माँ चुदवा रहा है. साले पहले अपनी माँ को चोद चोद कर ऊपर भेज दिया. अब यहाँ पर दूसरो से अपनी मरी हुयी माँ चुदवा रहा है.
और वां वां वां कर रहा हैँ. साला मादरचोद रंडी की औलाद

बेनामी ने कहा…

अनूप शुक्ला रोज रात को अपनी माँ को और दिन मे अपनी बहन को चोदता है.
और अपनी माँ से अपनी नीचे वाली दाड़ी छिलवाता है साला रंडी की औलाद जो ठहरा

बेनामी ने कहा…

अनूप शुक्ला रोज रात को अपनी माँ को और दिन मे अपनी बहन को चोदता है.
और अपनी माँ से अपनी नीचे वाली दाड़ी छिलवाता है साला रंडी की औलाद जो ठहरा

बेनामी ने कहा…

हा हा हा हा हा
सारे मादरचोद यहाँ पर इकटठे होकर अपने अपने जख्म सहला रहे है और अपनी माँ बहन चुदवा रहे है

बेनामी ने कहा…

अरे अनूप शुक्ला अपने घर मे रंडीखाना चलाता है
और उसमे अपनी माँ बहन को बैठा दिया है
खुद भी चोदता है और अपने ग्राहको से भी चुदवाता है .खूब कमाई कर रहा है रंडीबाज

बेनामी ने कहा…

तुमने सही कहा बेनामी
यहाँ पर जितने भी मादरचोद इकटठे होकर अपनी फटी हुयी सहला रहे है उन सबकी माँ बहन को किसी वीर बहादुर ने बहुत भयंकर तरीके से चोदा है
हाँ हाँ हाँ

बेनामी ने कहा…

shikha or vani to zeal se badi randi hain. b log jgt men.

किलर झपाटा ने कहा…

किलर झपटा ज़ी आपका विचार और अभिव्यक्ति बढ़िया है. पोस्ट अच्छा है.
बधाई

किलर झपाटा ने कहा…

इतने कमेंट्स में मुझे डॉ. अनवर जमाल जी का कमेंट बहुत ही बिल्कुल सही मालुम पड़ा। सच कहा डॉ. साहब आपने मुझे दु:शासन नहीं बनना चाहिए। और मैने कुछ किया भी नहीं है। मैनें तो ज़ील जी की बात को ही सच सिद्ध किया है कि देख लीजिए ब्लॉग वालों कि मॉडरेशन कितना ज़रूरी है।
हाँ मगर उनके लिए नहीं जो विवाद नहीं करते।
हमारी पोस्ट के एक एक शब्द को बारीकी से देखें तो उसमें हमने मात्र यह कहने की कोशिश की है कि दाढ़ी का व्यक्तित्व से नाता हो सकता है अभिव्यक्ति पर इसका कोई प्रभाव नहीं। अंतर जी ने दाढ़ी रखने का जस्टिफ़िकेशन दिया था जिस पर मोहर डॉ. दिव्या जी ने अपने तरीके से लगाई। तो हमने यह कहा कि अपना अपना नजरिया है भाई अपने या दूसरे के शरीर या व्यक्तित्व को देखने का। बस। अब इसमें गाली गलौज की गुन्जाइश कहाँ थी। थोड़ा रूमानियत की ओर ले जा रहा था मैं और लोग हैं कि ................आय एम सॉरी यदि किसी को कोई ठेस पहुँची हो।

किलर झपाटा ने कहा…

इतने कमेंट्स में मुझे डॉ. अनवर जमाल जी का कमेंट बहुत ही बिल्कुल सही मालुम पड़ा। सच कहा डॉ. साहब आपने मुझे दु:शासन नहीं बनना चाहिए। और मैने कुछ किया भी नहीं है। मैनें तो ज़ील जी की बात को ही सच सिद्ध किया है कि देख लीजिए ब्लॉग वालों कि मॉडरेशन कितना ज़रूरी है।
हाँ मगर उनके लिए नहीं जो विवाद नहीं करते।
हमारी पोस्ट के एक एक शब्द को बारीकी से देखें तो उसमें हमने मात्र यह कहने की कोशिश की है कि दाढ़ी का व्यक्तित्व से नाता हो सकता है अभिव्यक्ति पर इसका कोई प्रभाव नहीं। अंतर जी ने दाढ़ी रखने का जस्टिफ़िकेशन दिया था जिस पर मोहर डॉ. दिव्या जी ने अपने तरीके से लगाई। तो हमने यह कहा कि अपना अपना नजरिया है भाई अपने या दूसरे के शरीर या व्यक्तित्व को देखने का। बस। अब इसमें गाली गलौज की गुन्जाइश कहाँ थी। थोड़ा रूमानियत की ओर ले जा रहा था मैं और लोग हैं कि ................आय एम सॉरी यदि किसी को कोई ठेस पहुँची हो।

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

@ भाई किलर झपाटा जी ! आपका शुक्रगुज़ार हूं कि आपने सही को सही कहा। आप बेशक एक आला दर्जे के कलाकार हैं । 'लाल बवाल की जुगलबंदी' वाला लेख यह सिद्ध करने के लिए काफ़ी है।
मेरी विनती पर पुन: विचार करें प्लीज़।
आप एक नज़र जनाब सतीश जी की ताजा पोस्ट पर भी डाल लेंगे तो उनका लिखना सफल हो जाएगा , उनके विरोधियों का ऐसा मानना है ।
सादर !

धुरंधर ने कहा…

ओह.. ऐसा क्या!!!

Arvind Mishra ने कहा…

जील की बातें करके मेरे दिल के छाले फोड़ दिए यारों
मेरी हालत तो धोबी के कुत्ते जैसी हो गयी है
ये जील पहले तो महीनों मुझसे चटवाती रही और मैं ख़ुशी ख़ुशी चाटता रहा और जब बड़ी मुश्किल से मेरा लंड खड़ा हुआ तो गांड पे लात मार दी
दोस्तों प्लीज मेरे दर्द को समझो

बेनामी ने कहा…

यू सतीश सक्सेना ससुरा थाली का बैगन है चापलूसी के अलावा कछु नाही आता इसको

बेनामी ने कहा…

यहाँ रंडी की औलाद सिर्फ दो ही हैं
एक - किलर झपाटा
दूसरा - बंटी चोर
दोनों ही अपनी अम्मा की चूत से नहीं निकले हैं बल्कि अपनी बाप के गांड से पैदा हुए हैं

बेनामी ने कहा…

किलर झपाटा तेरी माँ की चोदूं मादरचोद
तेरे प्रोफाईल में आक्युपेशन में लिखा है पहलवानी
साले झांट के लौंडे.. रंडी की औलाद हिंजड़े साले ..तू साला पहलवान
तेरी तो माँ को भी किसी पहलवान ने चोदा होता तो तुझ जैसा छक्का न पैदा होता

अनवर जमाल ने कहा…

अभी भी काम चल रहा है

DR.ANWER JAMAL ने कहा…

कौन

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

भाई अरविन्द मिश्रा जी
आपकी बात सही है
इस जील को मैने भी बहुत पटाने की कोशिश की.
लेकिन वाकई मे कटही कुतिया है ये

your friend ने कहा…

यार झपाटे अब तो दिव्या जी ने तुम्हे धन्यवाद भी कर दिया है कुछ तो शर्म करो यार और हटा दो सारी अश्लील टिप्पणियाँ अपने ब्लॉग से।

बंटी चोर से ही कुछ सीख लो काम जो भी करे पर उसके ब्लॉग पर एक भी अपशब्द नहीं मिलेगा।

तुम पड़े लिखे और समझदार मालूम होते हो फिर क्यों ऐसी गंदगी मचाए हो? अगर इतना ही शौक है तो एक पोर्न ब्लॉग बना लो और उसमे उत्तेजक कहानियाँ और तस्वीरें डालते रहो पर हिंदी ब्लॉग के नाम पर ये सब तो मत करो।

तुम्हारी वजह से सारे हिंदी ब्लॉग जगत पर गालियोँ का आरोप लग रहा है।

वैसे भी तुम अपने असली नाम से ब्लॉगिँग करते ही होगे फिर क्या मजा मिल रहा है तुम्हे ये सब करके। या तो ये ब्लॉग बंद कर दो या इसे साफ सुथरा रखो।

बाकी तुम्हारी मर्जी। दबाव तो कोई किसी पर डाल ही नहीं सकता यहाँ।

बेनामी ने कहा…

vah killar jhapata ji