ना जाने क्यों ब्लॉगजगत के सबसे बड़े हिन्दू-मुस्लिम दंगाई डॉ. अनवर जमाल की हवा खिसक जाती है मुझे सामने देखकर। मेरी टिप्पणी को वो सब काम छोड़ कर मिटाने आ जाते हैं। मुझे भाभी जी (मिसेज अन्वर जमाल) ने बतलाया कि किलर भाईजान, आप इन्हें क्यों इतना सताते हो बताइये आजकल कब्ज हो गई है इनको। मैने पूछा अरे इसका मेरे सताने से क्या संबंध ? वे बोलीं संबंध कैसे नहीं दिनभर नैट पर बैठकर उल्टी सीधी वाहियात पोस्टें लिखते रहते हैं और लैटरिन जाते ही फ़ौरन बाहर आ जाते हैं कि कहीं उस पोस्ट पर किलर झपाटे ने कोई टिप्पणी तो नहीं कर दी वरना लोग खिल्ली उड़ायेंगे इनकी बेवकूफ़ाना काबिलियत पर। आपकी टिप्पणी मिटा मिटा कर हाथ में छाले पड़ गये हैं इनके। हीही ।
अब आप लोग ही बताइये यार इसमें मेरा क्या कसूर है। मैने तो कल इनके हैप्पी बड्डे पर जो बधाई दी थी उसे भी इन्होंने मिटा दिया। पुराने बुजुर्ग कहते हैं कि किलर झपाटे की बधाई हमेशा स्वीकार लेनी चाहिये नहीं तो साल पर लोग गरियाते रहते हैं। अब आगे साल भर इनका भगवान, सॉरी ये तो अल्ला मियाँ वाले हैं ना, तो अल्लाह ही मालिक है। हा हा।
एक नई कहावत नाजिल हुई अभी अभी मेरे ऊपर :-
अल्ला रखे खयाल तो गधा भी डॉ. जमाल
और तो और मुझे अपने ब्लॉगों को फ़ालो करने से भी ब्लॉक कर रखा है।
हा हा खतम हो गये जमाल बाबू हार गया मुसलमान ।
और तो और मुझे अपने ब्लॉगों को फ़ालो करने से भी ब्लॉक कर रखा है।
हा हा खतम हो गये जमाल बाबू हार गया मुसलमान ।
12 टिप्पणियां:
समय मिले तो इस पोस्ट को देखकर अपने विचार अवश्य दे
देशभक्त हिन्दू ब्लोगरो का पहला साझा मंच
इनका अपराध सिर्फ इतना था की ये हिन्दू थे
किलर झपाटा जिंदाबाद!
बहुत अच्छा फरमाया है आपने झपाटा जी
सलीम खान की बाते सुन के तो कोई चार साल का बच्चा भी उसको जूते मारे.
साले के पास दिमाग है ही नही .
और एक उसका गुरु जमालगोटा साला पक्का हरामी है.
जब हजार हरामी मरे थे तब साला पैदा हुआ था.
आपकी ईमानदारी और बेबाक राय के हम कायल हैं झपाटा जी. इसलिए हम मानते हैं कि आप हिंदी ब्लागिंग में सबसे ईमानदार ब्लॉगर हैं.
प्रणाम !!
अबे किलर झपाटे,
हा हा हा तू यार इतनी आसानी से इन मुल्लों टुल्लों की गाँड़ कैसे मार लेता है बे। गजब का लंड पाया है तूने। ये भोसड़ी के सलीम जमाल वगैरह दिन भर मिलकर सबकी लेते रहते हैं बट एट लास्ट नॉट द लीस्ट ब्लॉग में एकमात्र गन्दा बन्दा तू ही है जो इनकी फ़ाड़ के रख देता है। यार कमाल कित्ता तुसी पट्ठे।
सलीम तो खुला सांड है
तू काहे छिपाता अपनी गाँड़ है
अबे ओय स्लीम के पिट्ठू बेनामी,
किलर झपाटा शेर हैं, बाकी सब बकरियां हैं.
किलर झपाटा जी नाम के अनुरूप काम कीजिये, क्या वाहियात काम में लगे रहते हैं. कुछ सार्थक विचारधारा अपनाईये, जय श्री राम
मिस्टर बुल्ले मुसलमान याने हरीश सिंह जी,
वाह वाह क्या कहना! अब मेरे शब्द मुझ पर ही छोड़ने लगे। मेरा तो मक्सद ही सलीम जमाल और आप जैसों धर्म के यूज़लैस किस्म के ठेकेदारों के ठीक पीछे उसी तरह पड़े रहना है जैसे आप दूसरों के धर्म के पीछे पड़े रहते हो और उसकी खिल्ली उड़ाते रहते हो। अब खुद की खिल्ली उड़ रही है तो मुँह छुपा के भाग छूटते हो। कह रहे हो अपने नाम के अनुरूप काम कीजिये। जो नाम है वही तो काम कर रहा हूँ। ध्यान से देखना तो सीखिये पहले। अब ध्यान रहता है भगवान की खिल्ली उड़ाने में तो दृष्टि कहाँ से पावे। ही ही। मैं वाहियात नहीं वाह वाह हयात काम करता हूँ और आप लोगों के वाहियात कामों के बारे में लोगों के विचार तो नज़र आ ही रहे हैं। हा हा।
जय श्री (जाम)
हि ही हा हू हू..
वाह झपटा जी, आपकी साफगोई की मैं कायल हूँ. कृपया कुछ छिपकली छिनाल वाले वाचस्पति और टटपुन्जिये रविंदर परभात पर भी लिखिए जो अपनी दो कौड़ी की दुकानदारी जमाने के लिए हाथपैर मार रहे हैं.
क्या आपने उनकी किताब में अपना ब्लौग छपवाने के लिए पैसे दिए हैं?
धर्म के नाम पर ब्लॉग चलने वालो की सियासत नहीं चलेगी. झपाटा मारने के लिए किलर बैठा है.
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