शनिवार, 9 अप्रैल 2011

कुमार विष-वास और जबलपुर वालों में ठनी

ओय पहलवानों संभल जाओ रे,
ये कुश्ती तो लगता है नये रंग दिखायेगी। एक हफ़ते के मुम्बई टूर के बाद हाँगकाँग लौटा तो ब्लॉगवुड कुछ बदला बदला दिखा। जमाल डाक्टर और सलीम को हमारी वाणी के झटके वगैरह के बीच आज की ताजा खबर  ये मिली के हरदिल अजीज कुम्मू भैया याने कुमार विश्‍वास बड़ी मुश्किल से इंडिया प्रवास किया और वो एम.पी. के जबलपुर। भाई साहब की पुरानी आदत है हंगामा करने की और शायद वहाँ भी वही कर आये हैं एक दो ब्रीफ़ टाइप की पोस्टें पढ़ने मिलीं जिसमें कुछ बड़ों की टिप्पणियों से समझ में आ रहा है कि दिस कुमार इस नॉट एट ऑल विश्‍वास के लायक बिकॉज़ उसके अंदर विष वास करने लगा है आजकल।
एम आय राँग ? डिटेल तो पोस्ट लिखने वाले ब्लागर्स ही बता पायेंगे। बट आय थिंक समथिंग बैड हैज़ हैपेंड देयर। गैट आयडिया प्लीज़।

13 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

क्या बात है झपाटे आज तेरा ब्लॉग खाली खाली। किसी ने न दी गाली ?
चल मैं ही तेरा सही प्रशंसक, मैं ही दूँगा गाली।
ओसरी के, तूने बात तो सही कही है। ये कुमार पक्का मादरमोद है। इसकी मुँहचोटी करने की बहुत ही सड़ी पादत है। ये बहुत बड़ा उदऊ है बाणचोट। स्पैलिंग मिस्टेक तू ठीक करके पढ़ने माँडू।

बेनामी ने कहा…

और ये जबलूपर वाले भी कम फ़ाटरफ़ोट नहीं हैं। गये ही क्यूँ थे ये वहाँ अपनी माँड़ गराने ? अब रो रो के ट्सुआ बहा रहे हैं। शटप।

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

न हमारा उद्देश्य सही लाइन पे लाना है
आप लोग गाली न लिखें मां तो पावन है
औलाद को माता जी सपूत बनाना ज़रूरी है.

Unknown ने कहा…

no gaali please

jab acchhe shabdon se kaam ho sakta hai toh gande lafz kyon likhna ?

बेनामी ने कहा…

ओय बदमाश झपाटे,
मेरी ओर से एक बड़े ब्लॉगर की ये कट पेस्ट टिप्पणी ही ले ले:-

"एक अजीबोग़रीब मंज़र उस रात देखने को मिलता है :-

एक यूथ आईकॉन नामक व्यक्ति बड़ी तन्मयता से ओल्डों की धज्जियाँ उड़ाता जा रहा है;

परम आदरणीय अन्ना हजारे जी को जबरन अपने झंडे तले ला रहा है;

अपने आपको इलाहाबादी अदब की प्रचारगाह बतला रहा है और बच्चन साहब को जड़ से भुलवा रहा है;

अपने एकदम सामने बैठे हुए स्थानीय बुज़ुर्ग नेताओं, मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष आदि पर तबियत से अपने हलाहली शब्दवाण चला रहा है;

विनोबा बाबा की प्रिय संस्कारधानी के मँच पर खड़ा या कह सकते हैं सिरचढ़ा होकर, कहता जा रहा है कि मैं उपहास नहीं, परिहास करता हूँ और उपहास ही करता जा रहा है;

जमूरों का स्व्यंभू उस्ताद बनकर अपने हर वाक्य पर ज़बरदस्ती तालियाँ पिटवा रहा है;
(इतनी तालियाँ अपनी ही एक-दूसरी हथेलियों पर पीटने से बेहतर था कि तालियाँ पिटवाने वाले के सर पर बजा दी जातीं, जिससे उसे लगातार ये सुनाई देतीं जातीं और उसे बार आग्रह करने की ज़हमत न उठाना पड़ती, समय भी बचता और ............. ख़ैर)

उसे जाकर कोई कह दे भाई के,
मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं,
सिर्फ़ बकरी के प्यारे बच्चे के मुँह से ही कर्णप्रिय लगती है, आदमी के (दंभी) मुँह से नहीं।
--जय हिंद

जबलपुर वालों को लगता है बहुत जोर से काट गया विश्वास कुकुर। क्यों बे तू क्या कहता है झपाटे, तू तो कुछ बोल ही नहीं रहा माँडू कहीं के।

अरविन्द मिश्र ने कहा…

आदरणीय झपाटा जी, क्या यह संयोग मात्र है कि मैंने अपनी टिपण्णी में दो बार आपसे नया पोस्ट लिखने को कहा और आप ताल गए परन्तु जब आयरन लेडी ने एक ही बार कहा तो आपने तुरंत एक पोस्ट लिख दिया? जो भी हो, मुझे गहरा आघात लगा है. फिर यह जानकर मैंने खुद को समझाया कि आप हांगकांग में थे ही नहीं और मुंबई कुश्ती लड़ने गए थे. यह जानकर मुझे लगा कि आपका पहले पोस्ट न लिख पाना महज एक संयोग है. जो भी हो, कहते हैं कि इंतज़ार का फल मीठा होता है और आज एक बार फिर से साबित हो गया.

कुमार विश्वास के बारे में क्या कहा जाए? आदरणीय गिरीश जी ने पोस्ट और टिप्पणियों के माध्यम से सबकुछ कह ही दिया है. श्री विश्वास तो सचमुच विश्वास के लायक नहीं हैं. सबकुछ पैसों में टटोला नहीं जा सकता. बुजुर्गों की बेइज्जती करना कहाँ तक जायज है. आशा है आप ऐसे ही पोस्ट लिखकर ब्लॉग जगत को समृद्ध करते रहेंगे.
जयहिंद!

शिक्षामित्र ने कहा…

विवादों पर अपनी नज़र रहती नहीं,इसलिए संदर्भ कुछ समझ नहीं आ रहा।

बेनामी ने कहा…

गज़ब पोस्ट.
प्रणाम

बेनामी ने कहा…

किलर झपाटा रॉक्स.
यू आर बेस्ट ब्लॉगर

बेनामी ने कहा…

Chapal chutiye ...hue ikaatheyy ....sab ke sab ullu ke patthe
Ye Albela sala shakal se hi hammal lagta hai
ha ha ha

किलर झपाटा ने कहा…

आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद। आज कम से कम किसी ने डायरेक्ट गाली नही दी और मैं भी स्पैलिंग मिस्टेक ठीक करने वाला नहीं हूँ। ही ही।

हरीश सिंह ने कहा…

बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके., हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं.
मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.

बेनामी ने कहा…

अच्छा बेटा किसी ने भी अभी तक गाली नहीं दी!
तो लो चप्पल चूतिये हरीश सिंह की माँ का भोसड़ा!!!