प्रिय हमारी वाणी जी,
आपका बहुत बहुत धन्यवाद के आपने मुझे निलंबित कर दिया। मगर मैं तो हिन्दी ब्लॉगिंग को ही लंबित होते देख रहा हूँ। मुझे यह जानकर कतई आश्चर्य नहीं हुआ। क्योंकि मुझे मालूम है कि आपके यहाँ दर्ज ब्लॉगर दरअसल ब्लॉगर नहीं टिप्पणीबाज़ हैं। हमारे यहाँ ब्लॉग पोस्टों की जगह टिप्पणियों को ज़्यादा तवज्जो दी जाती है। लोगों का पोस्ट पर ध्यान कम और टिप्पणियों पर ज़्यादा होता है। यदि ब्लॉग भी मॉडरेट कर दिया जावे तो ब्लॉग कैसा ? मैनें अपनी किसी पोस्ट में किसी को बुरा नहीं कहा। इससे बुरी बुरी बातें ब्लॉगवाणी और चिट्ठाजगत के ज़माने में हो चुकी हैं। तब निलंबन की बातें न हुईं। मेरा निलंबन तो कर दिया मगर डॉ. अनवर जमाल और उनके जैसे धार्मिक उन्माद फ़ैलाने वालों पर आपके सलाहकार मंडल की निगाह नहीं गई कभी। आपके सलाहकार मंडल में आखिरकार हैं ही कौन ? वही जो दिन भर अपनी पोस्टें लिख लिख कर उन्हें ब्लॉगरों को पढ़ने को मजबूर करते हैं मगर अन्य किसी पोस्टों को कोई ध्यान नहीं दे पाता। आपने कहा है "हमारीवाणी की नीति है कि ऐसे ब्लागों को जिन की पोस्टों में या टिप्पणियों में अश्लील व अपमानजनक भाषा, यौनिक गालियों, आदि का प्रयोग होता है, उन्हें हमारीवाणी का सदस्य बने रहने का अधिकार नहीं है।"
अजी मैं कहता हूँ कि जो हमारी वाणी जमाल जैसे खिलंदडे़ किस्म के लेखकों की दूकान बन गई हो उस पर बने रहना मुझ जैसे यज्ञशील ब्लॉगर की शान के खिलाफ़ है अत: ..............................
आपका बहुत बहुत धन्यवाद के आपने मुझे निलंबित कर दिया। मगर मैं तो हिन्दी ब्लॉगिंग को ही लंबित होते देख रहा हूँ। मुझे यह जानकर कतई आश्चर्य नहीं हुआ। क्योंकि मुझे मालूम है कि आपके यहाँ दर्ज ब्लॉगर दरअसल ब्लॉगर नहीं टिप्पणीबाज़ हैं। हमारे यहाँ ब्लॉग पोस्टों की जगह टिप्पणियों को ज़्यादा तवज्जो दी जाती है। लोगों का पोस्ट पर ध्यान कम और टिप्पणियों पर ज़्यादा होता है। यदि ब्लॉग भी मॉडरेट कर दिया जावे तो ब्लॉग कैसा ? मैनें अपनी किसी पोस्ट में किसी को बुरा नहीं कहा। इससे बुरी बुरी बातें ब्लॉगवाणी और चिट्ठाजगत के ज़माने में हो चुकी हैं। तब निलंबन की बातें न हुईं। मेरा निलंबन तो कर दिया मगर डॉ. अनवर जमाल और उनके जैसे धार्मिक उन्माद फ़ैलाने वालों पर आपके सलाहकार मंडल की निगाह नहीं गई कभी। आपके सलाहकार मंडल में आखिरकार हैं ही कौन ? वही जो दिन भर अपनी पोस्टें लिख लिख कर उन्हें ब्लॉगरों को पढ़ने को मजबूर करते हैं मगर अन्य किसी पोस्टों को कोई ध्यान नहीं दे पाता। आपने कहा है "हमारीवाणी की नीति है कि ऐसे ब्लागों को जिन की पोस्टों में या टिप्पणियों में अश्लील व अपमानजनक भाषा, यौनिक गालियों, आदि का प्रयोग होता है, उन्हें हमारीवाणी का सदस्य बने रहने का अधिकार नहीं है।"
अजी मैं कहता हूँ कि जो हमारी वाणी जमाल जैसे खिलंदडे़ किस्म के लेखकों की दूकान बन गई हो उस पर बने रहना मुझ जैसे यज्ञशील ब्लॉगर की शान के खिलाफ़ है अत: ..............................
और सुनिए यह बात याद रखिए के आप मात्र एक ऎग्रीगेटर हैं सम्पूर्ण ब्लॉगजगत के ठेकेदार नहीं। धन्यवाद।
6 टिप्पणियां:
तुझ जैसा यज्ञशील ब्लॉगर ?????
इससे बड़ा मजाक नहीं सुना आज तक
हमारी वाणी ने तुम जैसे निम्न व ओछे ब्लॉगर का निलंबन करके एक आदर्श प्रस्तुत किया है. इस कार्य के लिए मैं हमारी वाणी एग्रीगेटर की मुक्त कंठ से प्रशंसा करता हूँ. जो काम चिटठा जगत और ब्लागवाणी कभी नहीं कर सके, वो काम 'हमारी वाणी' ने करके एक श्रेष्ठ सार्थक पहल की है. आशा है कि बाकी एग्रीगेटर भी इस दिशा में पहल करेंगे, जिससे ब्लाग जगत को प्रदूषित होने से बचाया जा सके.
झपाटा जी आप महान हैं.
सतीश सक्सेना अमर रहे
झपाटा जी आपका ब्लाग लेकिन
http://blogworld-rajeev.blogspot.com
में शामिल हो गया । है ना खुशी की बात ??
आप अपना कार्य करते रहें हम आपके साथ हैं
kyaa baat khi he jnaab mzaa aa gyaa . akhtar khan akela kota rajsthan
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