शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

डॊ. अनवर जमाल को सवार हुई पोस्ट लिखने की सनक

प्रिय ब्लॉगर बंधुओं,

बड़े आश्चर्य का विषय है कि हमारे बहुत ही अज़ीज़ मित्र डॉ. जमाल को लगातार पोस्ट लिखने का मीनिया याने कि सनक सवार हो गई है। एक ही दिन में छ: छ: सात सात पोस्ट लिख रहे हैं, बेचारे। हमारीवाणी तो इनकी घर की खेती हो गई है जैसे आजकल। इस्लाम धर्म को मिस्मार होने से बचाने का ठेका आजकल डॉ. साहब को ही मिला हुआ है भाई। सभी हिन्दू , सिक्ख और ईसाई भाइयों से अनुरोध है वे कृपया डॉ. साहब का साथ देते हुए इस्लाम को बतौरे मज़हब स्वीकार कर लें और डॉ. साह्ब को परेशान होने से निजात दिलाएँ। आखिर वो हम सब के दोस्त हुआ करते हैं। क्या हमारा इतना भी फ़र्ज नहीं है उनके प्रति। और तारकेश्वर गिरी जी आप बड़े वो हैं जो हमारे जमाल भाई साहब को इतना परेशान करते रहते हैं। अब बताइए वो गायत्री मंत्र वाली बात बताने की क्या जरूरत थी ? जबकि शादी को दस साल हो चुके हैं। हा हा।

12 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

अबे चूतिए झपाटे, तू तो इस जमाल की बड़ी तारीफ़ कर रहा था पिछ्ली पोस्ट में और अब इतनी जल्दी उक्ता गया उससे। अब क्यों नहीं जमाल का सड़ा हुआ बिना छिलके का लौड़ा खुद की गाँड़ मे डाल लेता ?

डॉ. अनवर जमाल की बीबी ने कहा…

तुम लोग कुछ भी कहो लेकिन मुझे तो जमाल मियाँ के दोस्त पंडितजी का लंड ही ज़्यादा पसंद है। ज़रा लम्बा भी तो है ना इनसे। इनका तो बस झाँट बराबर है। ब्लॉग पोस्ट लिखने से इनको फ़ुर्सत कहाँ ? भले कोई पढ़े या नहीं। बस इसी चक्कर में कई दिनों से खड़ा नहीं हुआ तो अनफ़िट हो गया और वर्ल्डकप की टीम से निकाल दिया गया है मेरे मियाँ का लौड़ा। बल्कि लौड़ी कहो तो ठीक है। और बल्कि लूड़ी हा हा। वो तो भला हो गिरी पंडित का जो बीच बीच में मुझे संभाले रहते हैं वरना.................

डॉ. अनवर जमाल की बहन ने कहा…

तुम लोग कुछ भी कहो लेकिन मुझे तो जमाल मियाँ के दोस्त पंडितजी का लंड ही ज़्यादा पसंद है। ज़रा लम्बा भी तो है ना इनसे। इनका तो बस झाँट बराबर है। ब्लॉग पोस्ट लिखने से इनको फ़ुर्सत कहाँ ? भले कोई पढ़े या नहीं। बस इसी चक्कर में कई दिनों से खड़ा नहीं हुआ तो अनफ़िट हो गया और वर्ल्डकप की टीम से निकाल दिया गया है मेरे मियाँ का लौड़ा। बल्कि लौड़ी कहो तो ठीक है। और बल्कि लूड़ी हा हा। वो तो भला हो गिरी पंडित का जो बीच बीच में मुझे संभाले रहते हैं वरना.................

बेनामी ने कहा…

बहुत हुआ बकवास तुम्हारी माँ की चोदूं

त्रस्त ब्लॉगर्स एसोसिएशन ने कहा…

कितने कुत्ते हो यार आप लोग। काहे के लिए इस टाइप की हरकतें करते रहते हो। बहुत ज्यादा गंदगी मचा दी है आप लोगों ने ब्लॉग्जगत में और ये जमाल तो खैर दुष्टों का बादशाह ही है नराधम कहीं का।

जमाल ने बेटी की चूत में मूली डाली ने कहा…

पापा ! देखो न , एक तो इस मूली से मेरी चूत फटी जा रही है और ऊपर से आप भी अपना इत्ता मोटा मूसल जैसा लंड मेरी गांड में से नहीं निकाल रहे हैं ।
मम्मी की चूत का तो आपने पहले ही भोसड़ा बना दिया है । आपका दामाद इत्ते चौड़े छेद को देखकर क्या कहेगा ?
हां , नहीं तो ...

जमाल- बेटी तेरी माँ ऑलरेडी अपने बाप से चुदी हुई आई थी और मेरी माँ को तो कभी मेरे बाप ने भी न चोदा । किसी की बेटी जैसी मेरे घर आई थी वैसी ही मैं अपनी बिटिया को रुखसत करूंगा और जैसी मेरी माँ मेरे बाप से अनचुदी रही वैसे ही तू भी अपने बच्चों के फर्जी बाप से कभी मत चुदना । हमारे खानदान की सदा से यही रीत है ।
ले अब यह लौड़ा चाट कर देख बेटी । झपाटे का का पहलवानी लंड चूसने में भी तुझे कभी इत्ता मजा न आया होगा ।
हां , नहीं तो ...

खड़ा लंड मुट्ठी में दबाए अनवर जमाल ने कहा ने कहा…

बेटी ! तेरी ख़ाली गांड अच्छी नहीं लगती । मेरा लंड इसमें ले ले । मैं हमारी वाणी के बऊचोदक मंडल का सदस्य हूं तेरे बाप की अश्लील पोस्टें छपवाता हूं । अब तू मेरे लंड को मार्ग दिखा ताकि यह जाकर ठीक से फिट हो।
मेरे बाद सलीम ख़ान जैसे और यार भी आएंगे । कसम से बेटी जमाल की तो तू लगती नहीं , कहीं तू मेरी ही तो नहीं ?
आ हा , क्या गया है अंदर ।
इत्ता अच्छा लेना तो किसी मुसलमान की लौंडिया भी नहीं जानती बल्कि मेरी बेटी तक नहीं जानती ।
धन्य है वह फलान जिससे तू जन्मी ।

जमाल का लंड खुद की गांड़ में लेकर जमाल की बेटी ने कहा…

Wow
पापा , पहलवान किलर झपाटे अंकल का लंड तो आपके लंड से बहुत जादा बड़ा है। कहाँ आपका बिलकुल चूहे जितना और कहाँ उनका हाथी जैसा। चोद-चुदान के खेल खेलने में तो वही ज़्यादा माहिर हैं । आपकी गांड भी उन्होंने ही मारकर आपको ब्लागर बनाया है। नहीं तो आप एक सड़े हुए टमाटर के अलावा कुछ भी नहीं थे।
अब मैँ भी एक ब्लाग बनाऊंगी क्योंकि मैं भी उनसे गांड मरा चुकी हूं । मैं पैदा अनवर के वीर्य से हुई लेकिन पेट तो अम्मी याने आपकी बीबी का ही था । लड़ाई आपमें और किलर झपाटे अंकल में चल रही है ये बीच में लाल-बवाल कहां से आए? आपको भी आजकल एकदम हाई फ़ाइ ब्लॉगरों से गाँड़ मरवाने की पड़ी हुई है। अरे पापा पहले अपनी गाँड़ में इतना गजा तो पैदा करो फिर पूरे कर लेना चिर्कुटई के शौक।
आपके चक्कर में चुदना मुझे पड़ रहा है । झपाटा अंकल ने आपका सारा का सारा जमालपना एक ही फटके मुल्तानी दाँव में निकाल दिया है और आपको आँव पड़ने लगी।
ऊपर की टिप्पणियाँ जरूर आपने बदलीं और मगर आपको यह टिप्पणी नहीं बदलनी पड़ेगी। Wow................


पापा मेरे ब्लाग पर आएंगे न ?
हां नहीं तो .
देखा , टिप्पणियों को जस का तस आप झेल नहीं पाए ।
मेरी चूची के बेर जैसे दाने के बराबर निकला आपका दिल ?
लो बेर चूसो और मेरा ब्लाग या तो आप बनवाओ वर्ना मैं जाकिर रजनीश वैज्ञानिक से बनवा लूंगी और ...
हां नहीं तो .
पापा आप टक्कर गलत जगह ले बैठे ।
आपके चक्कर में मेरी चूत और गांड दोनों फट गईं ।

बेनामी ने कहा…

(कमाल अपने जी में सोचता है)
यार जब मैं अपनी बेटी की गालियाँ नहीं सुनना चाहता अपने ही ब्लाग पर तो मुझे बेनामी बन बन कर दूसरों को गालियाँ देना बंद कर देनी चाहिए वर्ना तो इसी पोस्ट पर नहीं बल्कि हर नई पोस्ट पर और फिर कमाल के सारे के सारे ब्लॉगों पर भी कमाल की लौंडिया पड़ी चुदती रहेगी ।

किलर झपाटा ने कहा…

यार ये बेनामी, टिप्पणी में नाम किसी और का लेता है मगर थोड़ी देर के बाद वो नाम रिप्लेस होकर ’जमाल’ बन जाता है। अजीब वायरस है ये जमाल नाम का !! हा हा।

बेनामी ने कहा…

अनवर जमाल रंडी की औलाद है
सौ सुअरो ने चोदा था इसकी रंडी माँ को तब साला पैदा हुआ था ये अनवर जमाल मादरचोद

Bawli का बवाल ने कहा…

यार मैं भी सचमुच का ही सुअर हूं । अब यह बेनामी ज़रूर बता देगा कि किलर झपाटा कोई और नहीं बल्कि मैं ही हूं ।