पिछले दो दिनों से दिव्या आँटी और अरविंद मिश्रा अंकल के बीच ज़बर्दस्त वाक-युद्ध चला बहुत ही घिनी घिनी बातें की गईं। आख़िर रिंग मास्टर अनूपजी फ़ुरसतिया ने दखल दिया तब जाकर दंगल समाप्त हुआ। मगर आज फिर चालू। आदमी औरत की बहस कभी खत्म होती है भला। उलटे घड़े पे पानी भरने का यही अंजाम होता है। बड़े बेकार हैं दोनों जने।